"एक छोटी सी मदद की ताक़त"
MOTIVATION STORY IN HINDI
परिचय:
एक छोटी सी मदद की ताक़त कभी-कभी हमारे अनुमान से कहीं ज़्यादा होती है। ये बात रमेश को तब समझ आई जब उसने अपने जीवन में एक दिल को छू लेने वाली कहानी का हिस्सा बन गया।
कहानी:
रमेश एक छोटे से गाँव का रहने वाला था।
उसकी दिनचर्या एकदम सादगी से भरी थी—सुबह
उठकर खेतों में काम करना,
दोपहर को थोड़ा आराम, और शाम को फिर से काम में लग जाना। एक
दिन, जब वह अपने खेतों में पानी दे रहा था, उसकी नज़र एक छोटी लड़की पर पड़ी जो
सड़क के किनारे बैठी हुई थी। उसके चेहरे पर परेशानी और आँखों में आंसू थे।रमेश
उसके पास गया और पूछा,
"क्या हुआ बेटी, तुम इतनी उदास क्यों हो?"
लड़की ने अपनी कहानी सुनाई। उसके पिता
जी बीमार थे और उसके पास दवाई के पैसे नहीं थे। रमेश ने बिना सोचे समझे अपनी जेब
से कुछ पैसे निकाले और उस लड़की को दे दिए। "यह लो, अपने पिता जी के लिए दवाई ले आओ," रमेश ने कहा।
लड़की ने शुक्रिया अदा किया और चली गई।
रमेश ने सोचा, "एक छोटी सी मदद की ताक़त कभी-कभी हमारे
अनुमान से कहीं ज़्यादा होती है।"
कुछ महीने बाद, रमेश अपने काम में व्यस्त था जब उसी
लड़की के पिता जी उसके पास आए। उन्होंने रमेश का शुक्रिया अदा किया और कहा, "आपकी मदद की वजह से मैं ठीक हो गया।
मैं आपका यह ईह्सान कभी नहीं भूलूंगा।"
उस दिन रमेश को एक अहसास हुआ कि ज़िंदगी में छोटी-छोटी मददों की कितनी अहमियत होती है। उसने अपने दोस्तों और परिवारवालों को यह कहानी सुनाई और सबको यह समझाया कि एक छोटी सी मदद भी कितना बड़ा असर कर सकती है।
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निष्कर्षण:
रमेश ने अपनी ज़िंदगी में उस दिन एक नई
सीख ली। एक छोटी सी मदद की ताक़त कभी-कभी हमारे अनुमान से कहीं ज़्यादा होती है।
और इसी बात को वह सबको बताना चाहता था।
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