भूतिया हवेली की रहस्यमयी रात | BHOOTIYA HAVELI KI RAHSEMAYE RAAT

 

भूतिया हवेली की रहस्यमयी रात


                       भूतिया हवेली की रहस्यमयी रात 

                                

             BHOOTIYA HAVELI KI RAHSEMAYE RAAT

गाँव का नाम था कालाधारा। इस गाँव के बाहर एक पुरानी और सुनसान हवेली थी, जिसे लोग "भूतिया हवेली" कहते थे। इस हवेली के बारे में कहा जाता था कि वहाँ रात में अजीब-अजीब आवाजें आती हैं और जो भी वहाँ रात बिताने जाता है, वह कभी वापस नहीं लौटता।

राहुल, एक नौजवान और जिज्ञासु लड़का, अपने दोस्तों के साथ छुट्टियों में कालाधारा गाँव आया था। वह बहुत साहसी था और उसे ऐसी रहस्यमयी जगहों की खोजबीन करना बहुत पसंद था। एक दिन, गाँव के बुजुर्गों से हवेली के बारे में सुनकर राहुल ने तय किया कि वह इस हवेली की सच्चाई का पता लगाएगा।

उसने अपने दोस्तों, अनुज और रीना, को भी अपने साथ चलने के लिए मना लिया। तीनों ने शाम को हवेली जाने का निश्चय किया और रात होने से पहले ही वहाँ पहुँच गए। हवेली वाकई में बहुत भयानक दिख रही थी। उसका मुख्य दरवाजा आधा टूटा हुआ था और उसके चारों ओर उग आए पेड़-पौधों ने उसे और भी डरावना बना दिया था।

जैसे ही वे हवेली के अंदर गए, उन्हें एक अजीब सी ठंडक महसूस हुई। हवेली के अंदर का माहौल बहुत ही भयानक था। फर्श पर धूल की मोटी परत थी और दीवारों पर मकड़ी के जाले लटक रहे थे। हवेली के अंदर जाते ही उन्होंने अजीब सी आवाजें सुनीं, जैसे कोई फुसफुसा रहा हो। तीनों दोस्तों ने अपने-अपने टॉर्च जलाए और अंदर की ओर बढ़ने लगे।

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अचानक, एक कमरे से एक जोर की चीख सुनाई दी। रीना डर के मारे राहुल का हाथ पकड़ ली। राहुल ने हिम्मत बांधते हुए उस कमरे की ओर कदम बढ़ाया। कमरे में एक पुरानी अलमारी थी, जो अपने आप हिल रही थी। राहुल ने धीरे-धीरे अलमारी का दरवाजा खोला। अंदर एक पुरानी, धूल से भरी किताब थी। जैसे ही राहुल ने उस किताब को छुआ, हवेली की सारी बत्तियाँ खुद-ब-खुद जल उठीं और हवेली के हर कोने में अजीब सी हंसी गूंजने लगी।

अनुज ने घबराकर कहा, "हमें यहाँ से निकल जाना चाहिए। ये जगह सच में भूतिया है।" लेकिन राहुल ने कहा, "हम यहाँ सच्चाई जानने आए हैं, और मैं बिना सच्चाई जाने यहाँ से नहीं जाऊंगा।"

तीनों ने मिलकर उस किताब को पढ़ना शुरू किया। उसमें लिखा था कि यह हवेली कभी एक अमीर जमींदार की थी, जिसकी बेटी का नाम रंजना था। रंजना बहुत ही सुंदर और दयालु थी, लेकिन एक रात उसकी रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। कहा जाता है कि उसकी आत्मा आज भी इस हवेली में भटक रही है और अपनी मौत का बदला लेना चाहती है।

जैसे ही उन्होंने यह पढ़ा, हवेली के हर कोने से रंजना की तस्वीरें गिरने लगीं और खिड़कियाँ जोर से बजने लगीं। तीनों दोस्त डर के मारे भागते हुए हवेली से बाहर निकलने लगे। लेकिन दरवाजा अचानक बंद हो गया। तभी रंजना की आत्मा प्रकट हुई और उसने कहा, "मैं यहाँ से नहीं जा सकती जब तक मेरा बदला पूरा नहीं होता।"

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राहुल ने हिम्मत जुटाकर पूछा, "तुम्हारा बदला किससे लेना है?"रंजना की आत्मा ने बताया कि उसके पिता के नौकर ने उसे मार डाला था और उसकी आत्मा को शांति नहीं मिल पा रही है। राहुल ने कहा, "हम तुम्हारी मदद करेंगे।"राहुल, अनुज और रीना ने गाँव के बुजुर्गों से बातचीत की और उस नौकर के बारे में पता लगाया। उन्होंने उस नौकर की कब्र पर जाकर रंजना की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। कुछ देर बाद, हवेली में फिर से सब कुछ शांत हो गया। रंजना की आत्मा ने आकर राहुल को धन्यवाद कहा और हवेली में रोशनी फैल गई।उस दिन के बाद, हवेली में कभी कोई अजीब घटना नहीं हुई और गाँव वालों ने उसे एक पवित्र स्थान मान लिया। राहुल, अनुज और रीना ने उस रात को हमेशा के लिए याद रखा और उनकी दोस्ती और भी मजबूत हो गई।


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